श्रुति-सरिता आर्ट ने दी संगीतज्ञ पं.रविशंकर को श्रद्धांजलि
जयंती पर शास्त्रीय संगीत की ऑनलाइन राग श्रृंखला का आयोजन
पं.रविशंकर की तीसरी-चौथी पीड़ी के शिष्यों ने दी मनमोहक प्रस्तुति
ऋषिकेश। हमारे संवाददाता
महान संगीतज्ञ भारत रत्न पंडित रविशंकर की 100वीं जयंती पर ‘श्रुति-सरिता आर्ट ने ऑनलाइन संगीत श्रृंखला का आयोजन किया। श्रृंखला में पं.रविशंकर के शिष्यों ने ही संगीत प्रस्तुति दी।
गुरुवार को पं.रवि शंकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रृंखला का शुभारंभ किया गया गया। संस्थापक व शास्त्रीय संगीतज्ञ आशीष कुकरेती ने बताया कि पंडित रविशंकर को बीटल्स के जॉर्ज हैरिसन ने उन्हें विश्व संगीत का गॉड फादर बताया था। गुरु की भूमिका में उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में दुनिया भर के हजारों सफल छात्रों को तैयार किया। ऑनलाइन श्रृखला का यह दूसरा आयोजन था। पं. रविशंकर की तीसरी व चौथी पीढ़ी के शिष्यों ने प्रस्तुति दी। दिल्ली से देबोज्योति मुखर्जी ने सितार पर आहिर ललित राग (सुबह का राग), राग यमन मांझ व राग तिलक श्याम (शाम का राग) की मनमोहक प्रस्तुति दी। इसी कड़ी में इलाहाबाद से बांसुरी वादक परवर टंडन ने बैरागी तोड़ी (सुबह का राग) व जन संबोधनी (शाम का राग) श्रोतोओं को भाव-विभोर किया। आशीष कुकरेती ने बताया कि ऑनलाइन श्रृंखला शुरू करने का उद्देश्य उभरते हुए कलाकारों को मंच देने के साथ उनका उत्साहवर्धन करना था।
फोटो कैप्शन- 5 आरएसके- 18 गुरूवार को ऑनलाइन संगीत श्रंखला में सितार वादक देबोज्योति मुखर्जी।